कोहरा यानी
पृथ्वी का आकाश से
आलिंगन ....
शाम यानी
दिन और रात का
मिलन ...
बरसात यानी
आसमान का धरती को
प्यार भरा संदेश ....
भोर यानी
रात के आगोश से निकल
झिलमिलाती सूर्य की
किरणें ...
समुन्दर यानी
गीली नदी का बहता
प्यार .......
आँखें यानी
असंख्य मोतियों से भरा
सीप......
इश्क यानी
मैं, तुम और एहसास !!!
रेवा
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13.12,18 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3184 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
shukriya
Deleteबहुत खूब !
ReplyDeleteshukriya
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