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Friday, July 16, 2010

अच्छा लगता है मुझे

तेरे खयालों में जीना
तुझमे खो जाना
अच्छा लगता है मुझे ,

तेरी यादों मे रोना
तेरी बातो पे मुस्काना
अच्छा लगता है मुझे ,

तेरे खयालों से प्यार
तेरी बातो पे ऐतबार
अच्छा लगता है मुझे ,

चुप चाप बैठ
तुझे अपने पास महसूस करना
अच्छा लगता है मुझे,

बिन बरसात तेरे
प्यार मे भीग जाना
अच्छा लगता है मुझे ,

तेरे साथ जीना
पर बिन तेरे मर जाना
अच्छा लगता है मुझे l 



रेवा



14 comments:

  1. pradeepkumar
    gazab...didi.....bahut.hi hseen jajbaat..
    बिन बरसात तेरे
    प्यार मे भीग जाना
    अच्छा लगता है मुझे

    तेरे साथ जीना
    पर बिन तेरे मर जाना
    अच्छा लगता है मुझे


    रेवा di.....great

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  2. kishor kumar
    बिन बरसात तेरे
    प्यार मे भीग जाना
    अच्छा लगता है मुझे

    तेरे साथ जीना
    पर बिन तेरे मर जाना
    अच्छा लगता है मुझे


    रेवा


    bahut shubh bhavanaa ko likha hain aapne

    dil kii baat ........sundar reva ......!

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  3. anil
    ek bahut hee madhur see kavita dhadakano ko chootee huyee

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  4. Rakesh Jajvalya
    चुप चाप बैठ
    तुझे अपने पास महसूस करना
    अच्छा लगता है मुझे


    sachmuch achchha laga.

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  5. ALok Khare (GV)
    चुप चाप बैठ
    तुझे अपने पास महसूस करना
    अच्छा लगता है मुझे

    ek shaandar ehsaas he ye
    "achha lagta he"

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  6. vasundhara
    चुप चाप बैठ
    तुझे अपने पास महसूस करना
    अच्छा लगता है मुझे ................beautiful poem...beautiful feelings

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  7. AANCHAL-AMRITA
    mehkte -jajvat, hirday ki bat
    चुप चाप बैठ
    तुझे अपने पास महसूस करना
    अच्छा लगता है मुझे

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  8. shailesh
    बिन बरसात तेरे
    प्यार मे भीग जाना
    अच्छा लगता है मुझे

    acche shabd hain .. komal ehsaas ..

    bahut acchha

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  9. vineet***
    sahaj aur sundar kavita......
    ise padhna
    achchha lagta hai mujhe bhi

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  10. liFe dEpEnds 0n
    dil ko chhuti huyee khubsurat rachna
    ..............
    ...........
    अच्छा लगता है मुझे ...........kya baat he

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  11. बहुत पसन्द आया
    हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

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  12. बिन बरसात तेरे
    प्यार मे भीग जाना
    अच्छा लगता है मुझे ..are waha kya bat kahi apne. sachi me bahut hi uchi baat bhai kya kahne apke.ekdam dil ko chu jati ha apki rachna...:)

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