प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
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Tuesday, July 20, 2010
कुछ पंक्तियाँ
१. अपनी ज़िन्दगी से ज्यादा कोई किसी को नहीं चाहता और अपनी मौत से ज्यादा कोई किसी से नहीं डरता २. दिल के टूटने की आवाज़ नहीं होती दर्दकी कोई साज़ नहीं होती रेवा
बहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में
ReplyDeleteDil jab tut ta hai to aawaj to hoti hi hai par sunai sirf torne or tutne wale ko hi sunai deti hai,
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