हमेशा चाहा था उस चुलबुली लड़की ने की
कभी कोई उस पर भी कविता लिखे ,
जिसमे इतना प्यार झलकता हो
इतने गहरे एहसास हो
जितना उसकी आँखों मे भरा
रहता है ,
पर जब लिखा किसी ने
तब वो बस पढ़ ही पाई ,
उसमे भरे एहसासों को
महसूस न कर सकी ,
कैसे करती ?
वो दिलो जान से किसी और कि
जो हो चुकी थी /
रेवा
कभी कोई उस पर भी कविता लिखे ,
जिसमे इतना प्यार झलकता हो
इतने गहरे एहसास हो
जितना उसकी आँखों मे भरा
रहता है ,
पर जब लिखा किसी ने
तब वो बस पढ़ ही पाई ,
उसमे भरे एहसासों को
महसूस न कर सकी ,
कैसे करती ?
वो दिलो जान से किसी और कि
जो हो चुकी थी /
रेवा
बहुत खूब!
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteख्वाहिश अधूरी
ReplyDeleteतो पूरी हुई
पर प्यार अधुरा
रह गया की
अभिव्यक्ति पर
मेरी टिप्पणी अधूरी .....
बहुत ही सुन्दर अहसास,आभार.
ReplyDeleteकैसा दुखांत है? मरते वक्त जैसे किसी को करार आए...
ReplyDeleteसार्थक
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
बधाई
मार्मिक रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ......
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