एक 'थी' छोटी सी मिनी
मस्त ,अल्हड़ ,हर वक़्त
ठिठोली करती ,
बदमाशी की नयी-नयी
योजनायें बनाती ,
दीदी और माँ को पटा कर
खेलने भाग जाती ,
बात बेबात भाई से झगडती
दोस्तों को परेशान करती ,
खेल मे नक़ल कर
हमेशा जीत जाती ,
दुनिया की तमाम
उलझनों से बेखबर ,
अपनी ही सपनो की दुनिया
मे जीती ,
पर पता नहीं था उसे की
सपनो मे और हकीकत मे
कितना फासला है ,
आज उसे देख कर
कोई नहीं बोलता की
वो वही है ,
न हंसती न सपने
देखती है ,
बस चुप चाप अपनी
दुनिया मे कैद
अपने फ़र्ज़ को निभाने
की कोशिश करती है .....
रेवा
सटीक-
ReplyDeletebilkul mere jaisi
ReplyDeleteबस चुप चाप अपनी
Deleteदुनिया मे कैद
अपने फ़र्ज़ को निभाने
की कोशिश करती है
Badi मिनी ko
Chhoti मिनी Ko
Samajhaane men
Aasaani hogi .... Plz tip ...........
लाज़वाब ...एसी मिनी हर घर मे मिल जाएगी ....हर एक को लगेगा की यह तो उसी की कहानी है
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
उम्दा
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
जिंदगी, जिम्मेदारी का एहसास दिलाती रचना
ReplyDeletelatest post होली
औरत होने की पीड़ा ...
ReplyDeletethis is briliant......
ReplyDeletebhtreen..........
ReplyDeletewww.jantakikhoj.co.in
ReplyDeletehar naari ke andar woh "minni" chipi hain waqt badalta hain uske sath risshte , jimmedariyaa sab badal jata hain or sath hi woh minni bhee . ..... bahut hi sachchi n pyari se abhivyakti
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें.
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