मेरे पास तेरी खुशबू तो नहीं
फिर भी जाने कैसे महक उठती हूँ मैं ,
आँसू तूने दिए नहीं
फिर भी जाने क्यूं आँखें छलक उठती हैं ,
प्यार तूने भुरपुर दिया
फिर भी जाने क्यूं तड़प उठती हूँ मैं ,
सारी बातें साँझा की तुमसे
फिर भी जाने क्यूं बातें अधुरी रह जाती है ,
हर वक़्त तू साथ है मेरे
फिर भी जाने क्यूं तन्हाई सताती है ,
हर लम्हा ज़िन्दगी को भरपूर जीने की कोशिश करती हूँ
फिर भी जाने क्यूं मौत आसां लगती है /
रेवा
फिर भी जाने कैसे महक उठती हूँ मैं ,
आँसू तूने दिए नहीं
फिर भी जाने क्यूं आँखें छलक उठती हैं ,
प्यार तूने भुरपुर दिया
फिर भी जाने क्यूं तड़प उठती हूँ मैं ,
सारी बातें साँझा की तुमसे
फिर भी जाने क्यूं बातें अधुरी रह जाती है ,
हर वक़्त तू साथ है मेरे
फिर भी जाने क्यूं तन्हाई सताती है ,
हर लम्हा ज़िन्दगी को भरपूर जीने की कोशिश करती हूँ
फिर भी जाने क्यूं मौत आसां लगती है /
रेवा
अधुरा ''मैं''
ReplyDeleteअधूरी जिन्दगी
अधूरे लफ्ज
अधूरी कविता
लौट आओ न
पूर्ण होगा
सफर जो रहा
अधुरा ..
तुम बिन
--पवन अरोड़ा --
nicee one Pawanji
Deleterewa ji bahut sundar laikhni hai aapki dil ki kalam ban har dard har sukh ka ehsaas deti hai
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteरेवा जी...भावमय करते शब्द !!
ReplyDeleteदिल से निकली हुई शब्द रचना...
दिल भी इक जिद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह,
ReplyDeleteया तो सबकुछ ही इसे चाहिए, या कुछ भी नहीं!!
सम्पूर्ण समर्पण या फिर मौत.....
बहुत सुन्दर रेवा...
खूब जियो !!!
सस्नेह
अनु
एक अनजाना सा अधूरापन ...जो कभी भरता नहीं है
ReplyDeleteGeele kaagaz ki tarah hai...Zindgi apni...
ReplyDeletekoi likhta bhi nahi...koi jalata bhi nahi....
iss kadar akele ho gaye hai hum....
ki aajkal...koi satata bhi nahi...koi manata bhi nahi.....
wow lines...
Deleteबहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी रचना...
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeleteसब कुछ होते हुये भी न जाने क्यों अधूरापन होता है ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDelete