होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
अनकहे अनजाने से.......
बस बंध जातें है
कभी जाने कभी अनजाने
ख़ुशी कम देते है
गम देतें हैं ज्यादा ,
होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
अनकहे अनजाने से .......
जब जब मिलते हैं
न कर पातें हैं बातें
आँखों मे बरबस आँसू दे जातें है
वो मुलाकातें ,
होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
अनकहे अनजाने से .......
दुखी होते हैं हर बार
फिर भी तडपते है ,
एक आवाज़
एक मुलाकात को ,
होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
अनकहे अनजाने से .......
बस मे होता तो छोड़ देते साथ
पर जाने क्यों
मजबूर हैं ,कर बैठते हैं वादें ,
होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
अनकहे अनजाने से .....
रेवा
अनकहे अनजाने से.......
बस बंध जातें है
कभी जाने कभी अनजाने
ख़ुशी कम देते है
गम देतें हैं ज्यादा ,
होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
अनकहे अनजाने से .......
जब जब मिलते हैं
न कर पातें हैं बातें
आँखों मे बरबस आँसू दे जातें है
वो मुलाकातें ,
होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
अनकहे अनजाने से .......
दुखी होते हैं हर बार
फिर भी तडपते है ,
एक आवाज़
एक मुलाकात को ,
होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
अनकहे अनजाने से .......
बस मे होता तो छोड़ देते साथ
पर जाने क्यों
मजबूर हैं ,कर बैठते हैं वादें ,
होते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
अनकहे अनजाने से .....
रेवा
रिश्ते तो होते ही अजीब,कुछ सुख देते है कुछ दुःख,सामंजस्य बनाना ही पड़ता है.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर..मन को भाती,,भावपूर्ण रचना...
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