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Saturday, May 18, 2013

अजीब आँसू

ये आँसू भी अजीब है
आँखों के कैदखाने मे 
उम्र भर कैद रहते हैं ,
फिर बिना आगाह किये
मन के भावों को पढ़
खुद को आज़ाद
कर लेते हैं ,
इतने छोटे से कैदखाने मे
इतने सारे आँसू
एक साथ रहते हैं ,
और इतनी ईमानदारी से 
ताउम्र  दर्द के साथ 
अपना रिश्ता निभाते हैं ,
क्या ये हमे ज़िन्दगी की 
बहुत बड़ी सीख नहीं देते ?

रेवा 



7 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति,आभार.

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  2. बहुत सुन्दर , आपने मुहम्मद रफ़ी के गाये गीत की याद दिलवा दी ..." ये आंसू मेरे दिल की जुबान है ...."

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  3. खूबसूरत अभिव्यक्ति
    हार्दिक शुभकामनायें

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  4. sach ka sundar bhavo ke sath sundar rachna

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  5. सच कहा आपने
    बहुत गहन भावपूर्ण प्रस्तुति

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  6. आंसुओं से सीख लें???
    अरे मुस्कुराहटें कुछ नहीं कहतीं क्या???
    (आज भावुक होने का जी नहीं रेवा :-)

    ढेर सा प्यार..और मुस्कुराहटें...
    अनु

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