इंतज़ार कि घड़ियाँ
गिनते - गिनते ,
प्रीत कि ओढ़नी ओढ़े
मन दुल्हन सा हो गया है
मिलन कि आस लिए
बस दरवाज़े पर
टक - टकी लगाये
पहरा देते रहते हैं
मेरे एहसास ,
अश्रु अब पलकों के
सीपों में बंद
मोती हो गयें हैं ,
जो बस पिया के
गले का हार
बनने को आतुर हैं
आह ! ये इंतज़ार भी
कभी गुदगुदाता है
कभी रुलाता है
पर कभी - कभी
जीवन को दोबारा
प्यार से भर देता है !!!
रेवा
GOOD PRESENTATION- WORTH READING AND KEEPING FOR THE BETTERMENT - RIGHTELY EXPRESSED THE REAL MEANING OF TRUE LOVE, WHICH, NORMALLY, IS MISUNDERSTOOD BY THE PEOPLE. AS MY MASTER SAYS 'LOVE ALL WHOM HE LOVES' AND ALSO 'THERE SHOULD BE NO ROOM OF DEMANDS, EXPECTATIOS IN LOVE -EVEN FOR NOT LOVE FOR LOVE AS LOVE-SERVICES-PUNISHMENTS ARE FOR GIVING- NOT TAKING.
ReplyDeleteCONGRAT.
DR.RAGHUNATH MISHR 'SAHAJ', KOTA-RAJASTHAN FROM CHENNAI-RIGHT NOW.
Thanx Raghunath ji
DeleteSundar rachna
ReplyDeleteone of your best rewa ji.... beautiful
ReplyDeleteThank u so much parul ji
Deletehttp://raghunathmisra.blogspot.in/2014/01/love.html
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (31-01-2014) को "कैसे नवअंकुर उपजाऊँ..?" (चर्चा मंच-1508) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
abhar Mayank ji
Deleteबहुत सुन्दर भावमयी रचना...
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शनिवार 01/02/2014 को लिंक की जाएगी............... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
ReplyDeleteकृपया पधारें ....धन्यवाद!
shukriya yashoda behen
Deleteबहुत सुन्दर !
ReplyDeleteसियासत “आप” की !
नई पोस्ट मौसम (शीत काल )
@raghunath ji.... no one is born saint....there is always an expectation.....why should no expectation.....????
ReplyDeleteeven A mother expect from Son...whose love is called the Pious Love....
EVERY LOVER EXPECTS....AT LEAST HE/SHE EXPECTS LOVE...CARE N MOST IMPORTANTLY....TIME...
Wonderful lines Rewa Ji....u whose ur words very intelligently..... :) :)
ReplyDeleteसुन्दर.....
ReplyDeleteबेहद शानदार रचना ....बहुत खूब रेवा जी मज़ा आ गया आज इसे पढ़कर...
ReplyDeleteशुभकामनाओ के साथ
संजय भास्कर
बेहतरीन रचना।
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
वाह .... अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने इस अभिव्यक्ति में
ReplyDeleteबेहतरीन
बहुत बढ़िया रचना
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामना!
खूबसूरत अहसास
ReplyDeletebhasha ki aapko bhut achhi samajh hai
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