बार बार
लिखना चाहा
पर वो शब्द ही
नहीं मिलते जो
उर्मिला के दर्द
उसकी व्यथा
उसके विरह को
बयां कर सके
पर वो शब्द ही
नहीं मिलते जो
उर्मिला के दर्द
उसकी व्यथा
उसके विरह को
बयां कर सके
कितनी आसानी से
नव ब्याहता ने
पति के भ्राता प्रेम को
मान देकर
चौदह वर्ष की दूरी
और विरह को
बर्दाश्त करना स्वीकारा
उसपर से ये वादा कि
उसके आंखों से
आँसू भी न बहे
उफ्फ ऐसी व्यथा ...
नव ब्याहता ने
पति के भ्राता प्रेम को
मान देकर
चौदह वर्ष की दूरी
और विरह को
बर्दाश्त करना स्वीकारा
उसपर से ये वादा कि
उसके आंखों से
आँसू भी न बहे
उफ्फ ऐसी व्यथा ...
तकलीफ़ की बात तो
ये भी है कि
इस स्त्री के सहज
त्याग को
इतिहास ने कहीं
जगह न दी
कोई उल्लेख नहीं
ये भी है कि
इस स्त्री के सहज
त्याग को
इतिहास ने कहीं
जगह न दी
कोई उल्लेख नहीं
राम मर्यादा पुरूषोत्तम
सीता की
अग्नि परीक्षा
लक्ष्मण का भ्रात प्रेम
पर उर्मिला कुछ नहीं ....
सीता की
अग्नि परीक्षा
लक्ष्मण का भ्रात प्रेम
पर उर्मिला कुछ नहीं ....
जानती हूँ सीता बनना
आसान नहीं
पर उर्मिला बनना
नामुमकिन है ....
आसान नहीं
पर उर्मिला बनना
नामुमकिन है ....
पर ए स्त्री
तुम न सीता बनना
न उर्मिला
बस औरत ही रहना....
तुम न सीता बनना
न उर्मिला
बस औरत ही रहना....
#रेवा
#उर्मिला