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Wednesday, August 8, 2018

दीदी


ये सिर्फ संबोधन
नहीं प्यार है

दीदी तुम माँ तो नहीं
पर उससे कम भी नहीं
जानती हूँ
मेरे दुःख में 
तुम्हारी आँखें भी भर
आती है
तुम्हें लगता है
तुम ऐसा क्या कर दो
कि मैं दुखी न रहूँ

और मेरी ख़ुशी में भी तुम
हमेशा खुश हो जाती हो
जाने तुम इतनी अच्छी
कैसे हो लेती हो हर बार
लगातार .......

तुम्हारे पिटारे में सिर्फ
प्यार नहीं सलाह और
हर परेशानी का हल
भी होता है
वो भी टोकरी भर के......
हर सलाह इस विश्वास
से देती हो की
अगर मैं मान लूँ तो
सारी तकलीफ़ दूर
तुम्हारा इसमे
स्वार्थ भी होता है
और वो है मेरा सुख

बचपन से लेकर
आज तक
बस तुमने दिया है
कभी कुछ लेने की
चाह नहीं की
एक बात बताना तुम किस
मिट्टी की बनी हो ??

मिट्टी चाहे जो हो
जिस कुम्हार ने
तुम्हें गढ़ा है
उसने पानी की जगह
प्यार मिलाया है
जानती हो तुम्हारे बिना
मैं अपनी ज़िन्दगी
सोच भी नहीं सकती

दीदी तुम माँ तो नहीं
पर उससे कम भी नहीं ..........

#रेवा





21 comments:

  1. Didi MATLAB deyna
    Rula diya is rachna Ney
    Hats off to you

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    Replies
    1. आज और हमेशा ....तुम्हें ढेर सारा प्यार

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  2. Sanjay Sachdeva LucknowAugust 8, 2018 at 1:19 PM

    रिश्तों की अहमियत इससे और बेहतरीन तरीके से बयां नहीं की जा सकती...

    भावनाओ को शानदार तरीके से शब्द देते हो आप...

    रिश्ता चाहे 'माँ' का हो...'पिता' का हो या 'बेटे' का...
    और बार आपने 'दीदी' की आत्मीयता बयां की ....!!


    शुभकामनायें आपको...

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    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया Sanjay जी

      Delete

  3. दीदी तुम माँ तो नहीं
    पर उससे कम भी नहीं बहुत सुंदर रचना 👌 सच में दीदी माँ नहीं पर माँ जैसी प्यार करने वाली होती है

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    Replies
    1. शुक्रिया अनुराधा जी

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  4. आपके द्वारा लिखी यह कविता जैसे लगता हैं दिल की गहराई में बस समाती ही जा रही हैं बहुत प्यारी रचना

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    1. जी रचना ने आपके दिल को छुआ ....रचना सार्थक हो गयी....बहुत शुक्रिया आपका

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  5. नमस्ते,
    आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
    ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
    गुरुवार 9 अगस्त 2018 को प्रकाशनार्थ 1119 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।

    प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
    चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
    सधन्यवाद।

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  6. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 9.8.18 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3058 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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  7. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 78वां जन्म दिवस - दिलीप सरदेसाई और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  8. खरा सत्य पिरो दिया आपने शब्दों में शुरुवात ही इतना वजनदार है कि क्या कहा जाए माँ तो नही पर माँ से कम नही हो बेहतरीन..

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    1. बहुत शुक्रिया आपका ....आपने भावनाओं को समझा

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  9. बेहतरीन... भावपूर्ण रचना रेवा जी।

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  10. अपनी दी के प्रति प्रगाढ़ स्नेह और विश्वास प्रदर्शित करती बेमिसाल रचना भाव अंतर तक छू गये।
    अप्रतिम सुंदर।

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  11. बहुत शुक्रिया kusum जी

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